सैयारा: जब प्यार वक़्त से हार गया" "वक़्त की रेत पर लिखा प्यार कब बह गया, पता ही नहीं चला। सैयारा उसी खोए हुए प्यार की सच्ची तस्वीर है।"

ये फिल्म नहीं, प्यार का आईना है – सैयारा" जब आप इस फिल्म को देखेंगे, तो हर सीन में खुद को ढूंढेंगे। ये कहानी आपकी भी हो सकती है!"

सैयारा का क्लाइमेक्स देख हर आंख नम हो गई!" "फिल्म खत्म हुई तो थिएटर में सन्नाटा था… और आंखों में आंसू। ऐसे इमोशनल टच कम ही फिल्मों में देखने को मिलते हैं।"

प्यार, दर्द और खामोशी... यही है सैयारा" "कभी किसी को इतना चाहा कि शब्द भी साथ छोड़ दें? सैयारा उसी खामोशी की चीख है जो दिल से निकलती है।"

पूरी कहानी जानने के लिए पढ़ें: "सैयारा: एक अधूरी मोहब्बत की मुकम्मल कहानी" (99Fastblog.com)

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